आंख के लिए शरद पूर्णिमा की शाम का गोमूत्र सब से शीतल और उत्तम हैं । इसलिए शरद पूर्णिमा का चन्द्र निकलने के बाद गोमूत्र लेकर उस गोमूत्र को तंब्र पात्र में सुबह तक चाँद की चांदनी में खुला रखेकर | इस गो मूत्र मे देशी गुलाब ओर मघा नक्षत्र के जल से बना गुलाब जल, ओर देशी छोटी मक्खी का जांबुन के वृक्ष पर का शुद्ध शहद वह भी दस साल पुराना लेकर यह औषध निर्माण हुया हे l
यह औषध आँखों के सभी रोगों के लिए उपयोगी हे l
आंखे लाल रहेना, आँखोंमे जलन, आँख आना, नंबर, मोतिया बिन्दु, नजर की कमजोरी से लेकर, रेटिना तक के सभी रोगों मे उपयोगी
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